व्रत में क्या खाएँ क्या न खाएँ? – आयुर्वेद और विज्ञान की राय

 भारत में व्रत केवल धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि शरीर और मन की शुद्धि का भी माध्यम है। आयुर्वेद में उपवास (फास्टिंग) को आत्म-शुद्धि और पाचन तंत्र को आराम देने का साधन माना गया है। वहीं आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि सही तरीके से किया गया उपवास डिटॉक्स, ब्लड शुगर नियंत्रण और वज़न प्रबंधन में मदद करता है।

लेकिन समस्या यह है कि व्रत के दौरान बहुत से लोग या तो ज़्यादा तैलीय और तली हुई चीज़ें खा लेते हैं, या फिर बिल्कुल भूखे रहकर कमजोरी महसूस करने लगते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि हम समझें – व्रत में क्या खाना चाहिए और किन चीज़ों से बचना चाहिए।


आयुर्वेद की नजर से व्रत का महत्व

आयुर्वेद कहता है कि उपवास से शरीर की अग्नि (digestive fire) को संतुलित करने और आम (toxins) को निकालने का मौका मिलता है।

  • सात्त्विक आहार – व्रत में हल्का, सुपाच्य और सात्त्विक भोजन करना चाहिए।

  • जल और फल – शरीर को हाइड्रेटेड और एनर्जेटिक बनाए रखते हैं।

  • अत्यधिक तैलीय/भारी भोजन – पित्त, कफ और वात असंतुलन पैदा कर सकता है।


विज्ञान की नजर से व्रत का महत्व

आधुनिक रिसर्च के अनुसार:

  • व्रत से इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है।

  • शरीर stored fat को ऊर्जा में बदलना शुरू करता है।

  • Autophagy process एक्टिव होती है, जिससे damaged cells repair होते हैं।

  • लेकिन गलत खानपान से acidity, weakness और dehydration की समस्या हो सकती है।


व्रत में क्या खाएँ (सही आहार)

व्रत में खाने की चीज़ें हल्की, पौष्टिक और ऊर्जा देने वाली होनी चाहिए:

  1. फल और मेवे 

    • केले, सेब, पपीता, अनार, नारियल पानी

    • बादाम, अखरोट, काजू (भीगे हुए बेहतर)

  2. साबूदाना, समा चावल, कुट्टू और राजगिरा 

    • इनसे बनी खिचड़ी या खीर पचने में आसान होती है।

  3. दूध और दही 

    • प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत।

    • छाछ व्रत में हल्की और ठंडी तासीर वाली मानी जाती है।

  4. सफेद आलू और शकरकंद 

    • ऊर्जा के लिए अच्छे कार्बोहाइड्रेट स्रोत।

  5. घी की थोड़ी मात्रा 

    • पाचन को संतुलित करता है, लेकिन सीमित मात्रा में लें।

  6. हर्बल ड्रिंक्स 

    • नींबू पानी, नारियल पानी, ग्रीन टी, जीरा-पानी।


व्रत में क्या न खाएँ (किनसे बचें)

  1. तला-भुना और जंक फूड 

    • समोसा, पकौड़े, व्रत वाले चिप्स – ये पेट पर भारी पड़ते हैं।

  2. अत्यधिक नमक और मसाले 

    • डिहाइड्रेशन और ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं।

  3. मीठे पेय और डेज़र्ट 

    • बहुत ज़्यादा चीनी ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा सकती है।

  4. कॉफी और ज्यादा चाय 

    • इससे डिहाइड्रेशन और गैस्ट्रिक प्रॉब्लम हो सकती है।

  5. एक बार में ज़्यादा खाना 

    • उपवास तोड़ते समय ओवरईटिंग न करें। धीरे-धीरे हल्का आहार लें।


व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  • पानी और तरल पदार्थ पर्याप्त मात्रा में लें।

  • ज्यादा देर खाली पेट न रहें, हल्का फल या ड्रिंक लेते रहें।

  • अगर आपको डायबिटीज, BP या थायरॉयड है तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही उपवास करें।

  • व्रत खोलते समय फल या हल्की खिचड़ी से शुरुआत करें।


निष्कर्ष

व्रत का सही अर्थ सिर्फ भूखे रहना नहीं, बल्कि शरीर और मन को संतुलित करना है।

  • आयुर्वेद सात्त्विक, सुपाच्य और हल्का भोजन सुझाता है।

  • विज्ञान कहता है कि फास्टिंग से शरीर को डिटॉक्स और सेल रिपेयर का मौका मिलता है।

इसलिए व्रत के दौरान हमेशा पौष्टिक, हल्का और प्राकृतिक आहार लें, और तला-भुना, जंक फूड व अधिक मीठे से परहेज़ करें।

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